उच्च शिक्षा मंत्री ने उच्च जलाशय निर्माण एवं पेयजल वितरण कार्य का किया उद्घाटन

बीकानेर, 5 सितम्बर। उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने रविवार को कोलायत में उच्च जलाशय निर्माण एवं पेयजल वितरण कार्य का उद्घाटन किया। इस उच्च जलाशय की क्षमता 5 लाख 50 हजार लीटर है। इसमें 3.50 लाख लीटर का जलहौद, 20 किमी पाइपलाइन एवं 4 ट्यूबवैल बनाए गए हैं। इन सभी कार्यों की लागत 3.41 करोड़ रुपये आई है। इस कार्य से कोलायत के पांच वार्डों (5 से 9) को पर्याप्त जलापूर्ति होने लगी है। इस अवसर पर भाटी ने कहा कि कोलायत के जिन वार्डों में पाइपलाइन नहीं है, वहां जल्दी पाइपलाइन डलवाई जाए तथा इस उच्च जलाशय की चारदीवारी बनाई जाए। कोलायत में सर्वे करते हुए आवश्यकता के अनुसार दो ट्यूबवेल बनवाने के निर्देश उन्होंने दिए। उन्होंने कहा कि कोलायत की सभी ग्राम पंचायतों में विकास कार्य करवाए गए हैं। आमजन की मांग और जरूरत के आधार पर और कार्य भी करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोलायत का सर्वांगीण विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए प्राप्त प्रत्येक सुझाव और प्रस्ताव को पूरा करने का प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि गोडू-बज्जू-सांखला फांटा-मढ, कोटड़ी, कोलायत, झझू, मोखा, जयसिंहदेसर रोड का कार्य स्वीकृत हो चुका है। इस कार्य के पहले चरण के लिए 20 करोड़ तथा दूसरे चरण के लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। इसके साथ ही कोलायत विधानसभा क्षेत्र की सभी नोन पेचेबल सड़कों का नवीनीकरण करवाया जाएगा। सभी कार्य अगले ढाई वर्षों में पूर्ण करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा किगत दो वर्षों में कोलायत में चार नए महाविद्यालय खुले हैं और कई नए संकाय प्रारम्भ किए गए हैं। जिन कॉलेजों के लिए जमीन आवंटित हो चुकी है, उनके लिए भवनों का निर्माण शीघ्र करवाया जाएगा। उन्होंने चिकित्सा, शिक्षा, पेयजल एवं विद्युत सुदृढ़ीकरण तथा शिक्षा के क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोलायत विधानसभा क्षेत्र के सभी गांवों में जनता जल योजना के तहत कार्यों की स्वीकृति दे दी गई है। इनके टेंडर जारी हो चुके हैं। इन गांवों में पेयजल योजना पर लगभग 300 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इस दौरान उच्च जलाशय के ट्यूबवेल निर्माण के लिए निःशुल्क भूमि देने पर उन्होंने झंवर पंचारिया और नरसी पंचारिया का सम्मान किया। अधीक्षण अभियंता दीपक बंसल ने उच्च जलाशय और अन्य कार्यों की जानकारी दी। पूर्व सरपंच देवी सिंह भाटी, रूपाराम और झंवर सेठिया ने भी विचार व्यक्त किए।

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