बीकानेर। पूरे प्रदेश सहित बीकानेर में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर प्रात: 9 बजे से सायं 5 बजे तक विशाल स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाएगा। ये शिविर जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम के नेतृत्व में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, चिकित्सा विभाग, उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होंगे।
जिला मुख्यालय पर राजकीय डूंगर महाविद्यालय व राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय में तथा नोखा में राजकीय बागड़ी महाविद्यालय में ये शिविर आयोजित किये जाएंगे। जिला मुख्यालय पर पीबीएम अस्पताल के ब्लड बैंक की यूनिट व नोखा में संजीवनी ब्लड बैंक चलाना अस्पताल द्वारा रक्त संग्रहण किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल. मीणा ने बताया कि 18 से 60 वर्ष आयु का प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन कम से कम 45 किलोग्राम हो और हीमोग्लोबिन की मात्रा कम से कम 12.5 ग्राम हो वह हर 3 माह बाद रक्तदान कर सकता है कैंसर, ह्रदय रोग, यकृत रोग, मिर्गी, ग्रंथि रोग, हेपेटाईटिस बी, सी, गुर्दे सम्बन्धी बीमारी, दमा, टीबी, कुष्ठ, मधुमेह, एड्स या अन्य गुप्त रोग वाले व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकते
जिला आई.ई.सी. समन्वयक मालकोश आचार्य ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति रक्तदाता www.rakhtdata.org पर रक्तदान के लिए ऑनलाइन शपथपत्र भर सकते हैं। पूरे राज्य के निर्धारित रक्तदान केन्द्रों की विस्तृत सूची वैबसाइट http://www.hte.rajasthan.gov.in/blood_donation.php पर उपलब्ध है।
रक्तदान से हैं फायदे ही फायदे
डॉ. मीणा ने बताया कि रक्तदान एक ओर तो किसी के लिए जीवन दान बन जाता है वहीं रक्तदाता को भी इस से कई लाभ हैं। रक्तदाता के ब्लड की पूरी जांच हो जाती है और एक ही दिन में नया रक्त बनने से शरीर का शोधन भी हो जाता है। 1. इस दान से हार्ट अटैक कि संभावनाएं कम होती हैं क्योंकि रक्तदान से खून का थक्का नहीं जमता, इससे खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा टल जाता है।
खून का दान करने से वजन कम करने में मदद मिलती है इसीलिए हर साल कम से कम 2 बार रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान से शरीर में एनर्जी आती है क्योंकि दान के बाद नए ब्लड सेल्स बनते हैं, जिससे शरीर में तंदरूस्ती आती है। खून डोनेट करने से लिवर से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है. शरीर में ज्यादा आइरन की मात्रा लिवर पर दवाब डालती है और रक्तदान से आइरन की मात्रा बैलेंस हो जाती है। आइरन की मात्रा को बैलेंस करने से लिवर हेल्दी बनता है और कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है।