राजस्थान सरकार ने अलग-अलग विभागों में काम कर रहे संविदाकर्मियों को परमानेंट करने का फैसला लिया है। इस फैसले के बाद राजस्थान में 1 लाख से ज्यादा संविदा कर्मी परमानेंट हो जाएंगे। इसके लिए सरकार जल्द ही सेवा नियम बनाएगी। इसके साथ ही इनकी सैलरी और सुविधाएं भी बढ़ा दी जाएगी। शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने बताया कि किसी विभाग में यदि 5000 पदों पर भर्ती हो रही है तो उस विभाग में काम कर रहे संविदाकर्मियों को उन भर्तियों में एडजस्ट किया जाएगा। राज्य सरकार इसी तरह सभी संविदाकर्मियों को परमानेंट करेगी। सीएम गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में सेवा नियमों को लेकर फैसला हुआ है। सभी विभागों में काम कर रहे संविदाकर्मियों के लिए एक समान सेवा नियम बनाए जाएंगे। पहले भी प्रदेश सरकार ने कई बड़ी भर्तियां की हैं। इसी तर्ज पर अब सरकार नई भर्तियां निकालने का बड़ा फैसला करने जा रही है। इससे विभागों में सालों से काम कर रहे संविदाकर्मियों और उनके परिवारों को राहत मिलेगी। उनकी सैलरी बढ़ेगी, सरकारी नौकरी की सुविधाएं और दूसरे फायदे भी मिलेंगे।

कैबिनेट की बैठक में फैसले का असर
बुधवार को हुई गहलोत कैबिनेट की बैठक में राज्य और केन्द्र सरकार की अलग-अलग स्कीम, प्रोजेक्ट में कर्मचारियों की संविदा नियुक्ति के लिए राजस्थान कांन्ट्रेक्चुअल अपॉइंटमेंट टू सिविल पोस्ट्स रुल्स-2021 बनाने का अप्रूवल किया गया है। कैबिनेट के इस फैसले से मैन पावर की जरूरत पूरी करने के लिए ऐसे कर्मचारियों को संविदा पर अपॉइंट किया जा सकेगा। लम्बे वक्त से संविदाकर्मी रेगुलर करने की मांग उठाते आए है। संविदाकर्मियों के संगठनों की सरकार से कई बार बातचीत भी हुई। कांग्रेस ने भी चुनाव से पहले उनकी मांग पूरी करने का वादा किया था।

इस तरह से होंगे एडजस्ट
संविदाकर्मियों को परमानेंट करने के लिए अलग से नियम बनेंगे। लेकिन ये बताया जा रहा है कि उन्हें नई भर्तियों में एडजस्ट करेंगे। यदि किसी भी डिपार्टमेंट में कोई नई भर्ती निकलती है तो उनमें संविदाकर्मियों का एक कोटा फिक्स किया जाएगा। इन्हीं नई भर्तियों में उन्हें एडजस्ट कर परमानेंट करने का प्लान तैयार किया जा रहा है। सरकार इस तरह से करीब 1 लाख से ज्यादा संविदाकर्मियों को एडजस्ट करेगी।