प्रदूषण के कारण लोगों में अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस, पल्मोनरी डिजीज और बच्चों में निमोनिया का खतरा बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में हवा में प्रदूषण का स्तर और बढऩे की आशंका है। हालांकि गुड़ के सेवन से प्रदूषण से होने वाली समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है। हाल में हुए एक शोध में पाया गया कि धूल और धुएं में काम करने वाले जो मजदूर रोजाना गुड़ खाते थे, उनमें प्रदूषण से होने वाली बीमारियों की संभावना कम पाई गई।
दरअसल, गुड़ प्राकृतिक रूप से शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और गंदगी को साफ करता है। बरसों से गुड़ भारतीय खानपान का हिस्सा रहा है। आज भी काफी लोग खाना खाने के बाद गुड़ जरूर खाते हैं, क्योंकि यह पाचन में मदद करता है। साथ ही शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक रखता है। गुड़ अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इसमें ऐंटी-ऐलर्जिक गुण होते हैं।
प्रदूषण के कारण लोगों को सबसे ज्यादा तकलीफ सांस लेने में होती है। जहरीली हवा के कारण छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को कई बार दम घुटने का एहसास होता है। इन हालात में गुड़ के प्रयोग से राहत पाई जा सकती है। इसके लिए एक चम्मच मक्खन में थोड़ा सा गुड़ और हल्दी मिला लें और दिन में 3-4 बार इसका सेवन करें। यह तरीका आपके शरीर में मौजूद जहरीले पदार्थों को बाहर निकालेगा और उसे टॉक्सिन फ्री बनाएगा। गुड़ को सरसों तेल में मिलाकर खाने से सांस से जुड़ी दिक्कतों से आराम मिलता है।
गुड़ में मौजूद पोषक तत्व- सुक्रोज 59.7 प्रतिशत, ग्लूकोज 21.8 प्रतिशत, खनिज तरल 26 प्रतिशत, जल अंश 8.86 प्रतिशत इसके अलावा गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा और ताम्र तत्व भी अच्छी मात्रा में मिलते हैं। गुड़ को चीनी का शुद्धतम रूप माना जाता है। गुड़ आयरन का प्रमुख स्रोत है और एनीमिया के मरीज को चीनी के स्थान पर इसका सेवन करना चाहिए।