अधजली हालत में मिला था महिला का शव
दो आरोपियों को ब्लैकमेल कर रही थी महिला
बीकानेर। जयपुर-जोधपुर बायपास पर खण्डर मकान में अधजली हालत में महिला के शव की शिनाख्त के बाद पुलिस ने महिला की हत्या के मामले में खुलासा कर दिया है।
महिला की हत्या के आरोप में पुलिस ने तीन जनों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक प्रहलादसिंह कृष्णिया ने बताया कि पुलिस ने हत्या की इस वारदात को अंजाम देने वाले लालचंद उपाध्याय पुत्र प्रहलाद उपाध्याय निवासी चित्रा आइस फैक्ट्री के पास, भीनासर, पंकज पुत्र रामेश्वर प्रजापत निवासी नत्थूसर बास, पूनमचंद पुत्र ओमप्रकाश गोयल निवासी विद्या बाल निकेतन स्कूल के पास, गंगाशहर को गिरफ्तार कर लिया है। महिला की हत्या किसी दूसरे स्थान पर की गई थी और बाद में शव जयपुर-जोधपुर बायपास पर स्थित खण्डर मकान में फेंक कर जलाने की कोशिश की गई।
इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करने के लिए पुलिस अधीक्षक ने एक टीम गठित की जिसमें सीओ सदर पवनकुमार भदौरिया, जेएनवीसी थानाधिकारी गोविंदसिंह चारण, उपनिरीक्षक मंगूराम, कांस्टेबल सवाईसिंह, बुद्धराम, सूर्यप्रकाश, अमित मीणा, राकेश बिश्नोई, अनिल एवं साइबर सेल के कांस्टेबल दिलीप सिंह को शामिल किया गया। टीम ने पड़ताल की तो सामने आया कि मृतक महिला पुरानी गिन्नाणी में किराए के मकान में रहती थी। वह दो दिन से गायब थी। मकान मालिक से पुलिस को सूचना मिली कि परमेश्वरी नाम की महिला गायब है। तब पुलिस उसे साथ लेकर मोर्चरी पहुंची और उसकी शिनाख्त करवाई। बाद में पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। पड़ताल में पुलिस को आरोपी लालचंद के बारे में पता लगा जिस पर उसे दस्तयाब कर पूछताछ की गई। पूछताछ में लालचंद ने सारी कहानी पुलिस के सामने उगल दी।
ये वजह रही हत्या की
पड़ताल में पुलिस को पता लगा कि लूणकरनसर के खियेरां गांव की परमेश्वरी देवी रेगर जो शादीसुदा थी। बावजूद इसके उसने अपनेआप को अविवाहित बता कर गंगाशहर निवासी लालचंद उपाध्याय से प्रेमविवाह कर लिया। इतना ही नहीं परमेश्वरी ने खुद को जाट बताया। शादी के बाद दोनों चौपड़ाबाड़ी में रहने लगे और इस दौरान पता चला कि परमेश्वरी ने झूठ बोला है तो लालचंद के मन में उसके लिए नफरत पैदा हो गई। इस बीच लालचंद के दोस्त पूनमचंद गोयल के परमेश्वरी के साथ शारीरिक संबंध स्थापित हो गए। बाद में परमेश्वरी ने उन दोनों पर ही बलात्कार का मामला दर्ज करवाने की धमकी दी और ऐसा नहीं करने की एवज तीन लाख रुपए व मकान उसके नाम करने की मांग की। परमेश्वरी द्वारा लगातार इस बारेे में परेशान करने लगी। लालचन्द और पूनमचंद ने तय किया कि इस महिला को रास्ते से हटाना ही ठीक रहेगा। इस पूरे कार्य में उनका साथ एक और दोस्त पंकज प्रजापत ने दिया। परमेश्वरी की शराब की लत से दोनों दोस्त वाकिफ थे। पूरी साजिश रचकर तीनों दोस्त जयपुर-जोधपुर बायपास पर पहुंचे और परमेश्वरी को शराब पिलाई। फिर टैक्सी स्टार्ट करने वाली रस्सी से उसका गला घोंट दिया। जब उसकी मौत हो गई तो उसके शव को गणेश विहार स्थित खंडहर के तलघर में ले गये वहां उस पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी और वहां से फरार हो गए।