बीकानेर। बीकानेर नगर निगम चुनाव में एक तरफ जहां प्रत्याशी दिन रात एक करके प्रचार में जुटे हैं। एक एक वोट के लिए गली-गली नाप रहे हैं, ठीक वैसे ही एक एक नागरिक को मत दिलवाने की कोशिश में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है। स्थानीय निकाय चुनाव वैसे तो बीकानेर शहरी क्षेत्र में ही है लेकिन जिला प्रशासन के लिए यह ज्यादा परेशानी वाला है। विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में जहां कुछ दर्जन प्रत्याशी होते हैं, वहीं निकाय चुनाव में चार सौ से ज्यादा उम्मीदवार है। इन उम्मीदवारों के आवेदन लेना, उनकी जांच करना और खारिज करने जैसे काम प्रशासन के लिए मशक्कत वाला रहा।
बुधवार को नामांकन की जांच का दिन था। ऐसे में नगर विकास न्यास परिसर में नामांकन पत्रों की जांच के बाद सूचियां बननी शुरू हुई तो रात दस बजे तक काम पूरा नहीं हो सका। जिला प्रशासन के अधिकारी देर रात तक इस काम में जुटे हुए थे।
इसी के साथ प्रशासन ने आचार संहिता पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। जहां भी बड़े हॉर्डिंग्स लगे हैं, उनकी रिपोर्ट ली जा रही है। प्रत्येक क्षेत्र में वितरित हो रहे पोस्टर, पेम्पलेट पर भी ध्यान रखा जा
रहा है।
पुलिस की टुकडिय़ां भी है तैयार
उधर, प्रशासन के साथ ही पुलिस ने भी अपनी मुस्तैदी बढ़ा दी है। बीकानेर के अधिकांश वार्डों में गश्त बढ़ा दी गई है। सभी थानाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वो अपने अपने क्षेत्र में भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों पर नजर रखें। प्रचार के दौरान कोई गुट आपस में न भिड़े। प्रचार प्रसार समय सीमा के बाद होता है तो उसके खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई करेगी। रात दस बजे बाद रैली,प्रदर्शन इत्यादि करने वाले प्रत्याशियों व उनके समर्थकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर सकती है। शांतिपूर्ण प्रचार कभी भी किया जा सकता है।
समाज कंटकों पर नजर
चुनाव प्रचार-प्रसार तथा मतदान में गड़बड़ी की आशंका के चलते समाज कंटकों पर पुलिस की पैनी निगाह है। हालांकि पुलिस इन्हें पाबंद भी कर रही है। इसके बावजूद स्थानीय स्तर पर होने वाले इन चुनाव में गड़बड़ी की आशंका अधिक रहती है। इसके लिए आरएसी की अतिरिक्त कम्पनियों का सहारा ले रही है।