देवेंद्र वाणी न्यूज़, बीकानेर।
देश भर में बढ़ते कोरोना वायरस के खतरे के बीच अगले हफ्ते से कोरोना की वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो सकता है। देश में कोविड-19 से जंग के बीच दो वैक्सीनों को सरकार ने मंजूरी दे दी है। सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का टीकाकरण भारत में किया जाएगा। इस बीच ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया है कि किन लोगों को ये दोनों ही वैक्सीन नहीं लगाई जाएंगी।

देशभर में अगले हफ्ते से कोरोना वैक्सीनेशन का काम शुरू हो सकता है। इसके तहत अलग-अलग फेज में टीकाकरण का काम किया जाएगा। अगले 6-8 महीने में करीब 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज देने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीते दिन वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा था कि देश में बनी कोरोना की वैक्सीन लगने का समय शुरू होने वाला है।
इस बीच कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के बढ़ते प्रकोप ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। दुनिया के 16 देशों में वैक्सीनेशन का प्रोसेस शुरू हो चुकी है।

इन लोगों को नहीं दी जाएगी वैक्सीन
भारत में दोनों वैक्सीन के कई ट्रायल अभी बाकी हैं, लेकिन इससे पहले ही इसे सरकार की मंजूरी मिलने के कारण कई सवाल खड़े हो गए हैं। इन्हीं सवालों के बीच डायरेक्टर डॉ, रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि मौजूदा समय में रेग्युलेटर्स ने वैश्विक तौर पर बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि इनमें सेफ्टी डेटा का सवाल है। उन्होंने कहा कि बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के टीकेकरण के लिए अभी सेफ्टी डेटा का इंतजार करना चाहिए। गुलेरिया के मुताबिक अगर वयस्कों पर वैक्सीन का अच्छा असर देखा जाएगा, तभी बच्चों को टीका लगाया जाएगा। इसके बाद गर्भवती महिलाओं को इसमें शामिल किया जाएगा। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगले 10 से 14 दिन के अंदर हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी जाएगी।