जयपुर/
सोशल मीडिया अकाउंट हैक करके लोगों को मुसीबत में फंसा होना बताकर मदद के बहाने रुपया मंगवाकर ठगी करने वाला शातिर बदमाश संदीप चौधरी पुलिस के रिमांड पर है। पूछताछ में कई खुलासे हुए है। इनमें सबसे अहम खुलासा यह कि आरोपी ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए सबसे पहले कई तरीकों से वीआईपी मोबाइल नंबर प्राप्त करता है।
किसी व्यक्ति के वीआईपी मोबाइल नंबर को हथियाने के बाद संदीप फिर उन नम्बरों को GMAIL में यूजर आईडी की तरह उपयोग करके ट्राई करता है। जिन नम्बरों के पासवर्ड भी वही मोबाइल नंबर होते है। उस ईमेल अकाउंट का ACCESS संदीप चौधरी को मिल जाता था। फिर वह ईमेल अकाउंट से सारे कांटेक्ट उठा लेता था
जयपुर ग्रामीण जिले के प्रोबेशनर आईपीएस बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि उस वीआईपी नंबर की पब्लिक डीपी का उपयोग करके व्हाट्स एप अकाउंट बनाता था, जिससे उसके परिचितों को लगता है कि यह वही वीआईपी आदमी है। फिर उन सारे कांटेक्ट को मैसेज करता था। मैसेज में वह कई तरीकों से बहाने बनाकर लोगो से पैसों की मांग करता था इस तरह कई लोग उसके झांसे में आकर पैसे ट्रांसफर कर देते थे।
– एक भी वीआईपी अकाउंट के GMAIL कांटेक्ट को एक्सेस करने के बाद वह ऊपर वाली प्रक्रिया उन सारे कांटेक्ट लिस्ट के नंबरों पर ट्राई करता था। इस तरह उसके पास हजारों लोगों के नंबर, डीपी , अकाउंट इत्यादि का नम्बर मिल जाता था।
– आरोपी संदीप चौधरी हर बार एक नये मोबाइल नं. का उपयोग करता था जिससे की वह पुलिस के शिकंजे में ना आ पाये । वह पैसे ट्रांसफर डिजिटल अकाउंट में करवाता था जो की खुद के नाम के नहीं होते थे और उन पैसों को कई तरीकों से निकालता था। इनमें ई-मित्र पर जाकर उनके पेटीएम में ट्रांसफर करके केश लेता था और दूसरा डमी बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करके एटीएम से पैसे निकालना।
– फर्जी डिजिटल अकाउंट बनाने के लिए उसे आधार कार्ड और पेन कार्ड की जरूरत होती थी। जिसके लिए वह कई व्हाट्स एप ग्रुप्स नौकरी लगवाने का झांसा देकर आधार और पेन कार्ड देकर मांग लेता था। फिर वह नौकरी में रजिस्ट्रेशन का बहाना करके उन लोगो से OTP भी मांग लेता था।
– एक बार OTP मिलने के बाद डिजिटल अकाउंट को अपने मोबाइल नं. से लिंक कर देता था जिससे किसी और को उस डिजिटल अकाउंट में पैसे के लेन देन का पता नहीं चलता था । आरोपी के पास से अभी तक करीबन 40 डिजिटल अकाउंट मिले है। हर अकाउंट के लिये अलग सिम का उपयोग करता था।
– वीआईपी के व्हाट्स एप अकाउंट बनाने के लिये वह हर बार अलग अलग सिम का उपयोग करता था। प्री ऐक्टिवेटेड सिम की सप्लाई उड़ीसा के एक व्यक्ति द्वारा की जाती है। वही व्यक्ति डमी बैंक अकाउंट से लिंक एटीएम कार्डों की भी सप्लाई करता था।
– अभियुक्त सारे प्री ऐक्टिवेटेड सिम और डमी बैंक अकाउंट से लिंक एटीएम कार्डों को अपने अंतरराज्यीय गिरोहों की मदद से मंगवाता था।
पुलिस सबइंस्पेक्टर का अकाउंट हैक कर परिचितों को मैसेज भेजकर ठगे थे रुपए
जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी संदीप चौधरी (25) निवासी खिंवासर, गुड़ा गौड़ जी, जिला झुंझुनूं का रहने वाला है। वह ठगी के मामले में वर्ष 2018 में हरियाणा में भी गिरफ्तार हुआ था। वह जयपुर ग्रामीण जिले के प्रागपुरा और चंदवाजी में भी लोगों ऑनलाइन ठगी कर चुका है।
पूछताछ में संदीप चौधरी ने राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में 500 से ज्यादा लोगों के अकाउंट हैक कर ठगी करना बताया है। प्रारंभिक पूछताछ में करीब 15 लाख रुपए हड़पना बताया है। झुंझुनूं में गिरफ्तार ठग के कब्जे से पुलिस ने एक लैपटॉप, आठ मोबाइल फोन, 25 सिम व 10 एटीएम कार्ड बरामद किए हैं।
जयपुर ग्रामीण जिले के पुलिस इंस्पेक्टर का नंबर हैक कर मांगे थे रुपए
एसपी शंकरदत्त शर्मा के मुताबिक, जयपुर ग्रामीण जिले के सामोद थानाप्रभारी हरबेंद्र सिंह ने 3 अप्रैल 2020 को केस दर्ज करवाया था कि उनके मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप अकाउंट को हैक कर किसी व्यक्ति ने उनका फोटा लगा लिया है और फिर उनके परिचितों को मैसेज भेजकर खुद को मुसीबत में बताकर अपने खाते में 5000 रुपए ट्रांसफर करने को कह रहा है। यह रकम वह पेटीएम से मांग रहा है। इससे पुलिस सबइंस्पेक्टर हरबेंद्र सिंह के परिचितों ने उन्हें समझकर शातिर ठग संदीप के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर दिया। जिसे उसने हड़प लिया।