विक्रम संवत 2077 में प्रमादी नामक संवत्सर के राजा बुध एव मंत्री चन्द्रमा है। जनमानस में उत्साह, आर्थिक सुदृणीकरण की स्थिति बनेगी। शत्रु राष्ट्रों से तनाव की स्थिति।
भारत के मित्र देशों से नए व्यापारिक समझौते से उद्योग धन्धे में विदेशी पूंजी निवेश से आर्थिक स्थिति में मजबूती। पंूजी में होगी बरकत, आम लोगों में धन बढ़ेगा।
सस्येश व नीरेश गुरु होने से फल, शाक, सब्जी में हानि की संभावना। दिल्ली या किसी राज्य की राजधानी में भूकम्प की संभावना।
भारत को विश्वव्यापी सहयोग व समर्थन मिलने से अन्र्तराष्ट्रीय जगत में प्रभाव वृद्धि, संयुक्त राष्ट्र परिषद में स्थायी सदस्य बनने की संभावना मजबूत होगी।
चीन एवं पाकिस्तान से तनाव अपने चरम पर, भारत के सुपर पॉवर बनने की ओर अग्रसर होने से शत्रु राष्ट्रों में बेचैनी।
शेषनाग नामक कालसर्प योग बनने से शत्रु राष्ट्रों से शांति भंग होने का खतरा। भीषण आतंकवादी घटनाएं बम विस्फोट, जनसंहार व भारतीय सेनाओं को नुकसान पहुँचाने की चेष्टा होगी।
भाजपा पार्टी के कुछ गणमान्य नेताओं पर भ्रष्टाचार के मामले उजागर होंगे। इससे पार्टी व सरकार की छवि धूमिल होगी और जनमानस में इसका विरोध बढ़ेगा।
विश्वव्यापी मंदी से भारत भी अछूता नहीं रहेगा। सोने-चांदी के दामों में आश्चर्यजनक वृद्धि होगी। कच्चा तेल की कीमतों में भी वृद्धि होगी। रुपये की स्थिति डॉलर के मुकाबले सर्वकालीन निचले पायदान पर आयेगी। शेयर बाजार की स्थिति डांवाडोल रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कुछ कठिन फैसले लेने से जनमानस में उच्चतम न्यायालय के प्रति विश्वास बढ़ेगा।
केन्द्र सरकार कुछ नए राज्य गठित कर सकती है। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल सकता है।
1 जनवरी 2020 से 24 मार्च 2020 तक पहली तिमाही में विश्वव्यापी मंदी के दौर में भारत भी अछूता नहीं रहेगा। भारत की अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो सकती है। धातुओं के भाव आश्चर्यजनक रुप से ऊँचाई पर पहुँचेंगे। कच्चे तेल की कीमतों में बढोतरी होगी। शेयर बाजार की स्थिति डांवाडोल रहेगी। आम जनता महंगाई से त्रस्त रहेगी।
नव संवत्सर 2077 की वर्ष प्रवेश कुण्डली के अनुसार राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय परिवेश, राजनैतिक एवं मौसमी अनुकूलता तथा प्रतिकूलता का विश£ेषण करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रमादी नामक सम्वतसर 2077 का आरम्भ 24 मार्च मंगलवार को दोपहर 14/59 पर कर्क लग्र में हो रहा है। लग्रेश चन्द्रमा, धनेश सूर्य के साथ मित्र राशि में भाग्य स्थान पर विराजमान होकर चन्द्रमा मंत्री पद एवं सूर्य फलेश, दुर्गेश तथा निरेश का पद लेकर बैठे है। उक्त समीकरण सेना की सुदृढता, जनमानस में उत्साह आर्थिक सुदृणीकरण के नए कदम उठाने से भारतीय अर्थ व्यवस्था को मजबूत होने के लक्ष्य को बनाएगी। वर्ष के राजा बुध का अष्टम सथान में होने से पश्चिमी राष्ट्रों से तनाव, रोजगार संबंधी समस्याएं उग्र रुप धारण कर सकती है। भारतीय सीमाओं पर तनाव की स्थिति बनती है। सस्येश एवं नीरेश गुरु का अपनी राशि की छठें स्थान पर होने से फल, शाक, सब्जी, धान्य आदि फसलों में हानि होने की संभावना बनती है। धनेश मंगल उच्च स्थान में स्थित होना तथा स्वराशि में स्थित शनि से योग बनने से मित्र देशों से सम्बंधों में मजबूती तथा अन्य देशों के साथ समझौतों से व्यापार में उन्नति, विभिन्न क्षेत्रों में नए-नए उद्योग लगाने से विदेशी पूंजी निवेश के नए रास्ते खुलने की संभावना बनेगी।
द्य पिछले सं. 2076 की भाँति ही इस बार भी सम्वत् प्रवेश कुण्डली काल सर्प योग का निर्माण कर रही है। शेषनाग नामक काल सर्प योग सूं तो हर अनिष्ट से रक्षा करता है। परंतु फिर भी शत्रु देशों से हर समय शांति भंग होने का खतरा बना रहता है। भीषण आतंकवादी घटनाएं बम, विस्फोट, जनसंहार तथा भारतीय सेनाओं को नुकसान पहुँचाने का योग कार्य करता रहेगा।
शनि एवं गुरु का गोचर भ्रमण में मकर राशि में विचरण करने तथा वर्ष कुण्डली अनुसार एकादश भाव में विचरण करने से मित्र देशों द्वारा भारी पूंजी निवेश से उद्योग धंधों के प्रचुर मात्रा में वृद्धि होगी। गुरु का नीच राशि में भ्रमण होने से नीतिगत विषयों एवं कूटनीतिक विषयों में भारत का नए कीर्तिमान स्थापित करने का स्वर्ण अवसर प्राप्त होता रहेगा। देश के विश्व रंगमंच पर देश की सम्मानजनक उपस्थिति बनेगी तथा भारतवर्ष सुपर पावर बनने की दिशा में मजबूती के साथ खड़ा होगा। शनि के गोचर भ्रमण के कारण शनि की दृष्टि का अपने उच्च स्थान पर पडऩे से सरकार अपने राजनीतिक निर्णयों से नए कीर्तिमान स्थापित करने में सफल होगी। विरोधी पक्षों द्वारा विरोध करने पर भी सरकारी निर्णयों का लोहा मानना पड़ेगा। प्राकृतिक आपदाओं, प्राकृतिक असंतुलन तथा पर्यावरण के प्रतिकूल आचरण के कारण संपूर्ण विश्व के साथ- साथ भारत को भी इसके परिणाम भुगतने होंगे। कहीं, भूकम्प, बाढ़ से विशेष जनधन हानि होने की संभावना है। जन सामान्य उपयोगी वस्तुओं पर तेजी के कारण जनता त्रस्त रहेगी।
देश की सर्वोच्च अदालतें जाने माने लोगों पर भ्रष्टाचार में संलिप्त मामले में अपना कठोर निर्णय लेने का सफल प्रयास करेगी। जिससे जनमानस में अपनी विश्वसनीयता को कायम रखने में सफल होगी। आर्थिक अपराध पर लिप्त भगोड़ो पर शिकंजा कसने में शीर्ष अदालतें अपनी अहम भूमिका निभाने में सफल होगी। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का विषय आधे-अधूरे निर्णय के कारण साम्प्रदायिक तनावों को बढ़ाने में सहायक होगा।
द्य वैसे तो संभावना अभी से बन रही है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने पद से मुक्त हो सकते है। कश्मीर विवाद अपनी उग्रता की ओर बढ़ता रहेगा और भारत-पाकिस्तान के मध्य तनाव अपने चरम पर होगा। हो सकता है इस वर्ष पाकिस्तान में चुनाव हो और वहाँ की सेना अपने किसी दूसरे भक्त को सत्ता में बैठाने का प्रयास करे। भारत से तनाव के मध्य चीन अपनी दोहरी भूमिका निभाता रहेगा।
शेयर बाजार, सोना, चाँदी:- इस वर्ष शेयर बाजार में हमेशा खलबली की स्थिति बनती रहेगी। भावों में काफी उतार-चढ़ाव रहेंगे। सेन्सेक्स कभी ऊँचा कभी नीचा आता जाता रहेगा। सोने-चाँदी के भावों में आश्चर्यजनक रुप से भारी उछाल रहेगा। सोना तथा चांदी अपने परम उच्च स्तर पर जाकर स्थिर होगा। नुकसान के कारण दूसरे व्यापार की ओर आकर्षित होंगे।
राष्ट्रीय पार्टियों का विश£ेषण
भाजपा: पार्टी के विस्तार तथा राजकीय नेतृत्व में बदलाव के कारण भारी अन्र्तकलह से उपहास का कारण बनेगी। पार्टी नेतृत्व अल्पसंख्यक समुदाय में अपना विश्वास एवं भरोसा कायम रखने में सफलता तो प्राप्त करेगी। परन्तु साम्प्रदायिक घटनाओं की वृद्धि के कारण पार्टी को किरकरी का सामना भी करना पड़ सकता है। इन परिस्थितियों के कारण विरोधी दल निशाना बनाकर पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेगी। भाजपा पार्टी के कुछ गणमान्य नेताओं पर भ्रष्टाचार के मामले उजागर होंगे। विरोधी दल ऐसी स्थिति पर हो हल्ला मचाने तथा पार्टी की विश्वसनीयता पर प्रश्रचिन्ह लगाने का प्रयास कर सकते है।
कांग्रेस: पार्टी पूरे वर्ष अपने अन्र्तद्वन्द्व में घिरी रहेगी। नेतृत्व पर सवाल उठते रहेंगे। सत्ताधारी दल का विरोध करते-करते जनता में अपनी छवि को संदेहप्रद बनायेगी। जाने माने नेता पार्टी की नीतियों से असंतुश्ट होकर पार्टी से बाहर जा सकते है। वर्ष के मध्य में पार्टी में नए नेतृत्व का उदय हो सकता है। जिसको पार्टी का पूरा समर्थन प्राप्त होगा। अन्य विरोधी दलों की स्थिति सत्ताधारी दल की नीतियों का विरोध तो करेंगे परन्तु अपनी सुविधानुसार कहीं-कहीं समर्थन करेंगे।
समाजवादी पार्टी:- पार्टी के संस्थापक श्री मुलायम सिंह यादव जी की राशि सिंह व पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की राशि मेष है। इनके राशियों के स्वामियों में परस्पर तालमेल सही नहीं है। इस वर्ष इनके कुछ सहयोगी पार्टी छोड़कर जा सकते है।
बहुजन समाज पार्टी:- की राशि वृष और प्रभाव राशि कुम्भ मानी जाती है। पार्टी सुप्रीमों सुश्री मायावती की राशि सिंह है। वृष का स्वामी शुक्र कुम्भ का शनि एवं सिंह का स्वामी सूर्य है। यह तीनों ग्रह परस्पर अच्छे संबंध नहीं रखते। इस वर्ष इनको तथा पार्टी कार्यकत्र्ताओं को सर्वहारा वर्ग के प्रति सोच बदलनी पड़ेगी अन्यथा बदलते परिवेश में सिमटना मजबूरी होगी।