बीकानेर। बीकानेर इंजिनियरिंग कॉलेज में भ्रष्टचार का खेल चोली दामन का खेल है। जब से बीकानेर इंजिनियरिंग कॉलेज बना है तब से आज करोड़ों रुपये के भ्रष्ट्रचार का खेल हो चुका है। कॉलेज में कई प्रोफसर तक फर्जी नियुक्त हो रखे है। ऐसे ही एक मामले को लेकर अधिवक्ता सुरेश गोस्वामी ने विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट पीसीपीएनडीटी के मामला दर्ज करवा रखा था जिसमें बताया गया था कि कॉलेज के ७३ असिस्टेंट प्रोफेसर के नियम विरुद्व अवैध तरीके से नियुक्तियां दे रखी है। अधिवक्ता ने शिकायत में बताया है कि ७३ असिस्टेंट प्रोफेसर २००६ के बाद ३ साल के कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर नियुक्तियां दी गई थी । उस समय प्राचार्य जयप्रकाश भांभू ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके सर्वोच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने सहित ७३ प्रोफेसरों को २०१६ में नियमित कर दिया। जब कि न्यायालय के आदेश है कि १० अप्रैल २००६ के कि किसी भी अनियमित भर्तियों को नियमित नहीं किया जावेगा। जबकि ७३ प्रोफेसरों के नियम विरुद्व अवैध नियुक्तियां के लिए बीछवाल थाना सीआरपीसी २०२ के आदेश दिये हुए है। लेकिन अधिवक्ता द्वारा महानिरीक्षक पुलिस व आप स्वयं को सीआरपीसी २०२ की जांच बीछवाल थाने से न करवाकर किसी उच्च अधिकारी से करवाने के लिए पत्र दिया था जिसमें १२ फरवरी को पुलिस महानिरीक्षक ने पुलिस अधीक्षक को पत्र क्रमांक एसकेजी/बीका/३१०६/१८-१९ के तहत सीओ शहर बीकानेर को मामले की जांच सौंपी दी गई है। इस पर अधिवक्ता ने फिर एक पत्र लिखा जिसमें बताया कि पुलिस जल्दी ही नियम विरुद्व नियुक्तियां के संबंधी आदेश की पत्रावलिया जब्त किया जाना आवश्यक है। अगर समय रहते पत्रवालिया जब्त नहीं की गई तो प्राचार्य द्वारा कागजों में हेरफेर किया जा सकता है।