जयपुर। राज्य विधानसभा में बुधवार को निजी स्कूलों की ओर से की जा रही फीस वसूली का मामला गूंजा। भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने शून्यकाल में स्थगन के जरिए मामला उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए अंतरिम राहत के आदेशों की गलत व्याख्या करके निजी स्कूल संचालक अभिभावकों को परेशान कर रहे हैं, इससे अभिभावक परेशानी में है। सरकार उन्हें राहत प्रदान करने के लिए विधेयक लाए या कानून बनाएं।

विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की निजी स्कूलों के मालिक गलत व्याख्या कर अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं। प्रदेश के 70 लाख अभिभावक इससे परेशान हैं। राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देश के खिलाफ स्कूल संचालक सुप्रीम कोर्ट में गए थे, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए व्यवस्था दी कि स्कूल संचालक छह किश्तों में फीस लेे सकेंगे।
शिक्षा से और परीक्षा में बैठने से नहीं रोका जा सकेगा
कोर्ट ने कहा था कि साथ ही जो अभिभावक फीस देने में असमर्थ है, उनके बच्चों को ऑनलाइन तथा ऑफलाइन शिक्षा से और परीक्षा में बैठने से नहीं रोका जा सकेगा, लेकिन निजी स्कूल मालिक फोन करके तथा स्टाफ को भेजकर अभिभावकों को फीस जमा कराने का दबाव डाल रहे हैं। बच्चों को ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। मैं मंत्री से मांग करता हूं कि अगर फीस के लिए कानून बनाने जरूरत है तो कानून बनाया जाना चाहिए ताकि अभिभावकों को राहत मिल सके।