जयपुर। राजस्थान के संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले के मामले में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत  का नाम आया है। कोर्ट में ये मामला विचाराधीन है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत नैतिक आधार पर इस्तीफा दे सकते हैं। जयपुर महानगर अपर सेशन न्यायाधीश (एडीजे) कोर्ट संख्या-8 ने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संचालकों द्वारा किए 884 करोड़ रुपये के घोटाले में शेखावत व उनकी पत्नी सहित कुछ अन्य लोगों की भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं। शेखावत और सोसायटी के संस्थापक व प्रबंध निदेशक विक्रम सिंह कुछ अन्य मामलों में बिजनेस पार्टनर रह चुके हैं। कोर्ट के इस आदेश से शेखावत की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। हालांकि घोटाला सामने आने से पहले ही शेखावत ने विक्रम सिंह से अपनी पार्टनरशिप खत्म कर दी थी।

प्रार्थना पत्र में यह कहा

बाड़मेर निवासी गुमान सिंह व लाबू सिंह ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर गुहार लगाई थी कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में 884 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। सोसायटी में गुमान सिंह ने 14 लाख व लाबू सिंह ने 54 लाख रुपये का निवेश कर रखा था। सोसायटी से बड़ी राशि गजेंद्र सिंह शेखावत व उनके परिजनों के अलावा राजेन्द्र बाहेती व केवचंद डाकलिया की कंपनियों में हस्तांतरित की गई। इसके बावजूद एसओजी ने इन लोगों से जुड़ी कंपनियों ल्यूसिड फार्मा प्राइवेट लिमिटेड, नवप्रभा बिल्टेक प्राइवेट लिमिटेड, जन कंस्ट्रक्शन व अरिहन्त ट्रियेटर में निवेश की गई राशि की जांच नहीं की। सोसायटी के संचालक विक्रम सिंह से शेखावत, बाहेती व डाकलिया के घनिष्ट संबंध थे। इस कारण सोसायटी से बड़ा पैसा इन कंपनियों में लगाया गया। इस पैसे से इन लोगों ने जोधपुर व इथोपिया में कई प्रॉपर्टी खरीदी। यह बात अनुसंधान में सामने आने के बावजूद जांच एजेंसी ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया।

यह है मामला

राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा एसओजी ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के घोटाले के मुख्य आरोपित विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया था। सोसायटी के खिलाफ निवेशकों से उनकी जमा पूंजी पर अधिक ब्याज व मोटे मुनाफे का लालच देकर ठगी का मामला दर्ज किया गया था। सोसायटी द्वारा राजस्थान में 211 शाखाओं एवं गुजरात की 26 शाखाओं सहित 237 से शाखाएं खोलकर राजस्थान के करीब 1,46,991 निवेशकों सहित 953 करोड रुपये से अधिक निवेश राशि हासिल ठगी की गई। एसओजी के अनुसंधान से उजागर हुआ था कि संजीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड की लेखा पुस्तकों में करीब 1100 करोड़ रुपये के ऋण दर्शित किए गए हैं, उनमें अधिकांश बोगस है। ऐसे फर्जी ऋणों की संख्या करीब 55 हजार है एवं औसत ऋण प्रति व्यक्ति करीब दो लाख रुपये हैं। ऐसे कुल करीब 1100 करोड़ रुपये के ऋण दिखाए गए थे। यह ऋण किन लोगों को दिया गया यह जांच का विषय है।