बीकानेर। घोड़़ी कूदे नव-नव ताल, बन्ने री घोड़ी नाचणी, बन्नो म्हारो रामचन्द्र अवतार, सीता संग ब्यांव रचावे रे, उमराव बन्ना सरदार बन्नाÓ सरीखे मांगलिक गीतों से पुष्करणा सावा की रौनक परवान पर है। विवाह संस्कार वाले घरों में मांगलिक गीत गूंजने शुरू हो गए है। सावे को लेकर आज से मुख्य कार्यक्रमों का आगाज होगा। घर, परिवार और मोहल्ले की महिलाएं सामूहिक रूप से पारम्परिक गीतों बन्ना, बन्नी, घोड़ी, सुहाग आदि के गीत और महिलाओं के नृत्यों से सावे की रमक-झमक बढऩे लगी है। सावे पर होने वाले खोळा, प्रसाद, लग्न, टीकी, बान-बनावा, मायरा, खिरोड़ा, हाथधान, मातृका स्थापना-गणेश परिक्रमा आदि मांगलिक कार्यक्रमों की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
राबडिय़ों से करेंगे मनुहार
सामूहिक विवाह समारोह में निकलने वाली गणेश परिक्रमा में शामिल लोगों के लिये 20 फरवरी को बारहगुवाड़ चौक में राबडिये की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय पुष्करणा यूथ सामाजिक संस्था के बैनर तले होने वाले इस आयोजन में झींकी में शामिल लोगों का पहले पुष्प वर्षा कर स्वागत होगा। बाद में राबडिया पिलाया जायेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप जोशी ने बताया कि इस आयोजन में शंकर पुरोहित,पवन पुरोहित,रामदास ओझा,राजेन्द्र व्यास,गणेश पुरोहित एवं उनकी टीम आगुन्तकों की मान मनुहार करेगी।
प्रथम तीन दुल्हों को मिलेगा यादगार पल अलकंरण अवार्ड
जोशी ने बताया कि सावे वाले दिन मोहता चौक स्थित जाटों जी मलाई वाले की दुकान पर पहले दिन बारातों के दुल्हों को यादगार पल अलंकरण अवार्ड से नवाजा जायेगा। वहीं श्री पुष्टिकर ब्राह्मण सामूहिक सावा व्यवस्था समिति की ओर से भी मोहता चौक स्थित कार्यालय में पहले तीन दूल्हों का सम्मान कार्यक्रम रखा गया है। यह जानकारी समिति अध्यक्ष ओंकार नाथ हर्ष ने दी।