कोरोना वायरस को लेकर हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इस सप्ताह छपी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस फैलने का सबसे ज्यादा खतरा सार्वजनिक परिवहन में हैं, क्योंकि ये आमतौर पर बंद होते हैं और लोगों की भीड़ इनमें ज्यादा होती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में एक कोरोना संक्रमित मरीज ने एक बस में एक बार में 23 से लेकर 67 लोगों को संक्रमित कर दिया। ये रिपोर्ट इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि एक सितंबर से भारत में अनलॉक 4 की शुरुआत हुई है, जिसमें बसों और मेट्रो ट्रेन जैसे सार्वजनिक परिवहनों को छूट दी गई है।
अमेरिकी मेडिकल एसोसिएशन की एक पत्रिका ‘जेएएमए इंटरनल मेडिसिन’ में छपी एक अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी चीन में एक धार्मिक सभा में भाग लेने के लिए लोग दो बसों में जा रहे थे। एक बस में कोरोना संक्रमित मरीज यात्रा कर रहा था, जिसने बाकी लोगों को संक्रमित कर दिया।

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इस अध्ययन के लेखकों ने कहा, जो लोग उस बस में सवार हुए, जिसमें एयर सर्कुलेशन ठीक नहीं था और उसमें कोरोना मरीज भी यात्रा कर रहा था, उस बस के यात्रियों का वायरस से संक्रमित होने की ज्यादा संभावना रही। ये लोग कोरोना वायरस से संक्रमित भी हुए। वहीं, जो लोग दूसरी बस में सवार थे, उनमें वायरस के लक्षण नहीं दिखाई दिए।

रिपोर्ट के अनुसार, जिस व्यक्ति ने वायरस को दूसरे लोगों तक पहुंचाया, उसकी जब यात्रा के दौरान जांच की गई थी, तो उसमें खासी या बुखार जैसे कोई लक्षण नहीं थे। साथ ही सभी लोगों ने मास्क भी लगाया हुआ था। इसमें कहा गया कि जांच से पता चलता है कि बंद वातावरण और एयर सर्कुलेशन ठीक नहीं होने पर कोरोना वायरस एक अत्यधिक संक्रमणीय रोगजनक है।

एक अन्य जांच में पता चला कि चीन के ग्वांझू शहर में दो डिनर मेज के बीच एक मीटर की दूरी होने के बाद भी वायरस का संक्रमण हुआ। इन मेजों पर तीन परिवारों ने 24 जनवरी को रात्रिभोज किया था।

यहां भोजन करने वाले एक व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव आई। इसके बाद पांच फरवरी को नौ अन्य लोग भी कोरोना संक्रमित पाए गए, जिन्होंने इन मेजों पर भोजन किया था। इस अध्ययन को अप्रैल में यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की पत्रिका इमर्जिंग इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित किया गया।