सीबीआई में मचे अंदरूनी घमासान के बीच पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के एक मंत्री का नया नाम सामने आया है। रिश्वतखोरी कांड के तार पीएम के करीबी माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी से जुड़े हैं।

सीबीआई के डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा ने इस मामले में शिकायतकर्ता सना सतीश बाबू के हवाले से आरोप लगाया कि चौधरी को इस मामले में मदद मुहैया कराने के लिए करोड़ों रुपए की रिश्वत दी गई। सिन्हा, इस विवाद के बीच सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के मामले में बनी जांच टीम के मुखिया हैं।

चौधरी, गुजरात से बीजेपी के सांसद हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हैं। पीएम भी गुजरात से आते हैं और वह भी शुरुआती दिनों में संघ से जुड़े थे। बहरहाल, चौधरी का जन्म बनासकांठा जिले के जगन इलाके में 20 जुलाई 1954 को हुआ था।

उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से बी.कॉम और मुंबई विश्वविद्यालय एम.कॉम किया है। शुरुआती दिनों में वह हीरे का कारोबार करते थे, जबकि साल 1998 में पहली बार वह लोकसभा से सांसद चुने गए। वह इसके अलावा गृह राज्य मंत्री और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री भी रह चुके हैं।

वर्तमान में वह कोयला और खनन मंत्रालय का काम संभालते हैं। नोटबंदी-त्रस्ञ्ज पर मोदी सरकार का किया बचाव: इतना ही नहीं, पीएम के जिन फैसलों को लेकर विपक्षी दल से लेकर विशेषज्ञ व जानकार आलोचना कर चुके हैं, उसी पर चौधरी ने मोदी सरकार का खुलकर बचाव किया था।