बीकानेर। स्वास्थ्य विभाग ने विश्व जनसँख्या दिवस को स्वास्थ्य मेला लगाते हुए समारोहपूर्वक मनाया। गुरुवार को एसडीएम जिला चिकित्सालय में आयोजित जिला स्तरीय व खण्ड बीकानेर स्तरीय मुख्य समारोह में परिवार कल्याण के लिए वर्ष पर्यंत श्रेष्ठ कार्य करने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं को कुल 7 लाख रूपए के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इसी के साथ जनसँख्या स्थिरीकरण पखवाड़े का आगाज हो गया जो 24 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान सघन परिवार कल्याण के विशेष नियत सेवा दिवस आयोजित किए जाएँगे। सीएचसी लूणकरणसर व सीएचसी डूंगरगढ़ में खण्ड स्तरीय परिवार विकास मेले आयोजित किए गए शेष खण्डों में पखवाड़े के दौरान आगामी दिवसों में आयोजित किए जाएंगे।

ये हुए सम्मानित- श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति को सर्वाधिक नसबंदी करवाने, मातृ-शिशु स्वास्थ्य में उत्कृष्ट कार्य करने व श्रेष्ठ रिकॉर्ड संधारण के आधार पर 2 लाख रुपए के प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। ग्राम पंचायत जालबसर, रिडमलसर पुरोहितान, काकड़ा व सियासर पंचकोषा को श्रेष्ठ ग्राम पंचायत के रूप में 1-1 लाख रूपए पुरस्कार स्वरुप प्रदान किए गए। ब्लॉक बीकानेर स्तर पर संस्थान श्रेणी मे सीएचसी नापासर व पीएचसी रीडी को 50-50 हजार रूपए पुरस्कार स्वरुप दिए गए। लूणकरणसर पंचायत समिति को लगातार 3 वर्ष सम्मानित होने के कारण गत वर्ष की भाँती पुरस्कार योजना से बाहर रखा गया यद्यपि इस बार भी लूणकरणसर का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा। एनजीओ श्रेणी में परिवार सेवा संस्थान की प्रभारी सुपर्णा मेहता को कुल 1242 नसबंदी करवाने के लिए सम्मानित किया गया। व्यक्तिगत श्रेणी में एएनएम मीरा (उपकेन्द्र आरडी 682, खाजूवाला) व संतोष देवी (सीएचसी बज्जू, कोलायत) को जिले में क्रमश: प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया। खंड स्तर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए एएनएम सरोज गोयन, सुन्दर देवी व अनीता रानी को सम्मानित किया गया।

एक दिन में सर्वाधिक पुरुष नसबंदी एनएसवी करवाने के लिए पीएचसी केसर देसर जाटान के प्रभारी डॉ कुलदीप यादव व जीएनएम अनिल मोदी को पुरस्कृत किया गया। इसी प्रकार परिवार कल्याण कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य के लिए एएनएम परमजीत कौर, साजिदा बानो, मोलिता देवी, कविता चैधरी, निर्मला कुमारी, कुमन देवी, सुमित्रा देवी, सरोज पंवार, दयावती उपाध्याय व स्टाफ नर्स सुदेश कुमारी को सम्मानित किया गया। गैर तकनीकी वर्ग में डीएनओ मनीष गोस्वामी, एएसओ नवनीत आचार्य, मनीष पुरोहित, अनिल सोनगरा, भंवर सिंह व दाऊलाल ओझा को योगदान के लिए प्रतीक चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। विभाग द्वारा इस बार नवाचार करते हुए 8 आशा सहयोगिनियों को भी श्रेष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किया।

जिला स्तरीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति के उप प्रधान केसरराम गोदारा ने जनसँख्या विस्फोट और घटते संसाधनों के चलते परिवार कल्याण कार्यक्रम को स्वास्थ्य का सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम बताया और आमजन को अपनी जिम्मेदारी समझकर सही परिवार नियोजन अपनाने की अपील की। संयुक्त निदेशक बीकानेर संभाग डॉ एचएस बराड़ ने परिवार कल्याण का सन्देश घर-घर पहुँचाने का आह्वान किया। सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि देश में बच्चों की संख्या कम व वृद्धों की सख्या बढ़ रही है जो परिवार कल्याण कार्यक्रम की सफलता को दिखाता है लेकिन भारत की आबादी 1 अरब 35 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है और 2022 तक चीन को पछाड़ते हुए हम विश्व की सर्वाधिक आबादी वाला देश बन जाएंगे जो कि निश्चय ही चिंता का विषय है। हमारी आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा अभी भी संसाधनों की कमी से जूझ रहा है।

जिला चिकित्सालय के सुपरिंटेंडेंट एवं पीएमओ डॉ. बी.एल. हटीला ने परिवार कल्याण के स्थाई साधनों यानिकी नसबंदी की प्रक्रियाओं के बारे में व्यवहारिक जानकारी दी। डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण डॉ योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि चालू वर्ष में जिले ने मात्र 3 माह में ही लगभग 50 प्रतिशत परिवार कल्याण लक्ष्यों को हासिल कर लिया है। सरपंच रिडमलसर पुरोहितान रामधन, आरसीएचओ डॉ. रमेश गुप्ता, डॉ नवल किशोर गुप्ता व बीसीएमओ बीकानेर डॉ. सुरेन्द्र चौधरी ने भी परिवार कल्याण के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का सञ्चालन जिला आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य ने किया। जलालसर की एएनएम साजिदा बानो ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इस अवसर पर सर्जन डॉ जे.एस. गिल, एंजेंडर हेल्थ से खुशबू बोथरा, लेखाधिकारी विजय शंकर गहलोत, डीपीएम सुशील कुमार, महेंद्र सिंह चारण, रेणू बिस्सा व बीपीएम बीकानेर ऋषि कल्ला सहित नर्सिंगकर्मी, आशा सहयोगिनियां व आमजन उपस्थित रहे। आयोजन स्थल पर दाऊलाल ओझा द्वारा आई.ई.सी. व परिवार कल्याण के अस्थाई साधनों प्रदर्शनी भी लगाईं गई।