देवेन्द्र वाणी न्यूज़,बीकानेर। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना आम आवाम में इसे अच्छा माना जा रहा है परन्तु गहलोत को अपने कार्य करने के लिए संघर्षो का सामना करना पड़ रहा है। यह संघर्ष प्रतिद्वंदी पार्टी से ज्यादा कांग्रेस की अंतःकलह से करना पड़ रहा है। समय-समय पर आलाकमान की नाराजगी दूर करते हुवे जो कार्य कर रहे है उनमे इन दिनों कुछ संवैधानिक पदों पर अधिकारी वर्गों में से नियुक्ति करने से एक बार फिर आलाकमान को नाराज किया है। ये नाराजगी उनके आगे की रणनीति पर प्रभाव डाल सकती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के प्रभारी अजय माकन के जयपुर आने के समाचार से राजनितिक गलियारों में अनेक प्रकार के कयास लगाए जाने लगे है। माकन के इस दौरे पर सत्ता और संगठन में पद चाहने वालो की लम्बी चौड़ी कतार है साथ ही भाजपा के राज्य नेतृत्व ने प्रदेश की सत्तासीन पार्टी पर अपनी नजरे टिका रखी है। भाजपा का यह नजरिया कांग्रेस की अंतःकलह पर है। जबकि इस पार्टी को अब तक इस अंतःकलह का कोई लाभ नहीं मिला है। अजय माकन का यह दौरा पायलट केम्प के लिए महत्वपूर्ण है। पायलट कैम्प गहलोत के हर कार्य व योजना की कमियों की जानकारी अलग से विस्तारित कर आलाकमान तक पहुँचाता है। माकन का ये दो दिवसीय दौरा मंत्री मंडल गठन को लेकर बताया जा रहा है पर अंदरखाने की माने तो यह दौरा भी अधिकारियो की निगमों में हुयी नियुक्ति से बनी नाराजगी को दूर करना है।

राजनैतिक गलियारों की चर्चा में राज्य में हुवे पालिका चुनाव भी चर्चा में है क्योकि इस चुनाव के हार-जीत के कारणों का पता लगाने के साथ बढ़िया परफॉर्मेंस वाले नेताओ का रिपोर्ट कार्ड बनाना भी है। इसकी वजह से गहलोत कैम्प के मंत्रियो, विधायकों को अपने पक्ष में रिपार्ट कार्ड बनवाने के लिए मशश्क्त करनी पड़ेगी। वैसे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष स्वयं गोविन्द सिंह डोटासरा को गहलोत व पायलट कैम्प की गतिविधियों पर अपने नजरिये से हाईकमान को हो रही गतिविधियों की जानकारी देनी है साथ ही अपना वजूद बनाये रखने की बड़ी चुनौती का सामना करना है। इन सारे हालातो ने उपमुखयमंत्री के साथ-साथ मंत्री बनने की आश लगाए बैठे नेताओ की चिंता बढ़ा दी। ज्ञात रहे सत्तासीन पार्टी के दो दिग्गज नेताओ के द्वंद्व के समय जो बात उभर कर आ रही थी उसमे दो उपमुख्यंमत्री बनाये जाने के साथ-साथ मंत्री मंडल में से परफॉर्मेंस के आधार पर गठन करने की बात आई थी। अब देखना यह है कि ये दौरा परफॉर्मेंस को लेकर कोनसी निति अपनाता है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार आलाकमान ने माकन को स्पष्ट हिदायत दी है कि वे राज्य में पार्टी के अंतःकलह का जल्द से जल्द निपटारा करे यह हिदायत राजस्थान में होने वाले आगामी कांग्रेस के महाधिवेशन को लेकर भी महत्वपूर्ण है।