जयपुर,

पाकिस्तान सीमा से सटी राजस्थान के जैसलमेर जिले से पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे सत्यनारायण पालीवाल (42) को सीआईडी (स्पेशल ब्रांच) पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। खुफिया एजेंसियों ने संदेह के घेरे में आए सत्यनारायण को तीन दिन पहले पोकरण फायरिंग रेंज के नजदीक से पकड़ा था। इसके बाद दो दिन तक चली पूछताछ के बाद जासूसी के आरोप सही पाए जाने पर उसे आज गिरफ्तार किया।

प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि सत्यनारायण के परिवार में महिला सरपंच है। वह खुद भी गांव में नेता बनकर रहता है। ऐसे में आईएसआई की महिला एजेंट ने उसे कुछ साल पहले संपर्क में लिया। खुद को भारतीय होना बताकर महिला एजेंट कई दिनों तक चैटिंग करती रही। इसके बाद आईएसआई की महिला एजेंट ने हनी ट्रेप में फंसाने के लिए सत्यनारायण को वीडियो कॉल करना शुरु कर दिया।

वह उसे निर्वस्त्र होकर चेटिंग करने लगी और उसे अपने जाल में फंसा लिया। इसके बाद महिला ने सत्यनारायण को विश्वास में लेकर उससे जैसलमेर में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाना हासिल कर दिया। बताया जा रहा है कि इंट्रोगेशन कर रही पुलिस टीम ने सत्यनारायण के मोबाइल फोन को जब्त कर जांच की। जिसमें आईएसआई महिला एजेंट की न्यूड फोटो मिली है, जो कि उसने स्क्रीन शॉट लेकर सुरक्षित रखी हुई थी।

पाक एजेंसी आईएसआई के फेक व्हाट्सएप ग्रुप में कर रहा था सूचनाएं लीक

प्रदेश के इंटेलीजेंस के एडीजी उमेश मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सत्यनारायण जैसलमेर में लाठी गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ सीआईडी (स्पेशल ब्रांच) जयपुर के स्पेशल पुलिस स्टेशन पर शासकीय गुप्त बात अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इंटेलीजेंस की सूचनाओं में सामने आया कि जैसलमेर में रहने वाला सत्यनारायण पालीवाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा फर्जी नाम से संचालित सोशल मीडिया अकाउंट से जुड़ा हुआ था। जिसमें सत्यनारायण पोकरण फायरिंग रेंज और आसपास भारतीय सेना की सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सूचनाओं को भेज रहा था। पिछले करीब एक महीने से इंटेलीजेंस टीम सत्यनारायण पर नजर रखे हुए थी। आखिरकार उसे तीन दिन पहले पकड़कर जयपुर लाया गया।

यहां सेंट्रल व लोकल खुफिया एजेंसियों ने संदिग्ध सत्यनारायण से गहराई से पूछताछ की। पुष्टि होने पर उसे आज गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर लिया। उल्लेखनीय है कि पोखरण देश की सबसे बड़ी फायरिंग रेंज है। यहां नियमित रूप से हथियारों व सैन्य सामानों का ट्रायल चलता रहता है। सेना व पुलिस के अधिकारियों ने फिलहाल इस बारे में अधिकारिक जानकारी देने से इनकार किया है।