चिकित्सा सेवाओं की गारंटी

राइट टू हैल्थ का मसौदा हो रहा तैयार

बीकानेर/जयपुर। नई सरकार प्रदेश के लोगों को चिकित्सा सेवाओं की गारंटी देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए 20 से ज्यादा संस्थाओं के साथ मिलकर राइट टू हैल्थ का मसौदा तैयार किया जा रहा है। सरकार इसे लागू करने में सफल रहती है तो राजस्थान ऐसा कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य होगा।

प्रदेश में कांग्रेस अपने पिछले कार्यकाल में सरकारी सेवाओं की गारंटी का कानून लागू कर चुकी है। इसके तहत हर विभाग को जनता से जुड़े काम एक निश्चित समयावधि में करना जरूरी किया गया था। हर कार्यालय के बाहर उन कार्यों की सूची लगाई गई थी, जो जनता से जुड़े हुए थे और वह काम कितने समय में होंगे, इसकी अवधि भी तय की गई थी। काम नहीं होने पर उच्च स्तर पर शिकायत किए जाने का प्रावधान भी था।

कुछ इसी तर्ज पर अब गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाओं की गारंटी देने की तैयारी भी की जा रही है। इसके तहत अलग-अलग स्तर के चिकित्सा केंद्र पर अलग-अलग स्तर की चिकित्सा सेवाएं दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

यानी उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, संभाग अस्पताल और मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में किस-किस तरह की चिकित्सा सेवाएं मिलनी चाहिए, इसके मानदंड तय किए जाएंगे। इनके आधार पर ही इन चिकित्सा केंद्रों में चिकित्सा सेवाएं देना सुनिश्चित किया जाएगा।

जनता को यह गारंटी मिलेगी कि एक निश्चित स्तर के चिकित्सा केंद्र में निश्चित स्तर की चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी ही। हर चिकित्सा केंद्र के बाहर इस सूची को लगाया जाएगा।

ऐसे होगी तैयारी

प्रदेश का चिकित्सा विभाग अपने साथ काम करने वाली विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूएनफएफपीए, यूएनडीपीए टाटा ट्रस्ट, अंतरा फाउंडेशन आदि 22 संस्थाओं के साथ मिलकर राइट टू हैल्थ का यह दस्तावेज तैयार करेगा। इसके लिए इन सभी संस्थाओं से सुझाव मांगे गए हैं।

विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस बारे में एक बैठक हो चुकी है। बताया जा रहा है कि नई सरकार के पहले बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है।