मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए प्रशासन और ज्‍यादा सतर्क हो गया है। राजस्थान, दिल्ली, गोवा और गुजरात से हवाई मार्ग और ट्रेन से मुंबई आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण करवाना अनिवार्य कर दिया गया है, कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्‍हें  राज्‍य में प्रवेश करने की अनुमति होगी। ये नियम 25 नवंबर से लागू कर दिया गया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा दीपावली के बाद कोरोना की दूसरी लहर की आशंका को देखते हुए लोगों की आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए ये नियम लागू किया गया है।

मांगी जाएगी  आरटी-पीसीआर रिपोर्ट 

हवाई यात्रा कर मुंबई पहुंचने वाले सभी यात्रियों से एयरलाइंस कंपनियां बोर्डिंग पास देने से पूर्व आरटी-पीसीआर रिपोर्ट की मांग करेगी और रेलवे स्‍टेशन पर भी यात्रियों से उनकी कोरोना रिपोर्ट मांगी जाएगी। रिपोर्ट देखने के बाद ही रेलवे स्‍टेशन से बाहर जाने की अनुमति मिलेगी। सड़क मार्ग से महाराष्ट्र आने वाले यात्रियों के लिए भी  बार्डर पर स्‍क्रीनिंग की जाएगी और उसके बाद ही राज्‍य में प्रवेश की अनुमति होगी। यात्रियों में कोरोना के लक्षण पाये जाने पर उन्‍हें वापस जाने या महाराष्ट्र में अपने खर्चे पर कोरोना टेस्‍ट करवाकर रिपोर्ट आने तक कोविड केयर सेंटर में रहना होगा। बता दें कि इस माह दिल्‍ली, गोवा, राजस्‍थान और गुजरात में कोरोना के मामलों में बेतहाशा बढ़ोत्‍तरी हुई है।

72 घंटे से अधिक पुरानी न हो रिपोर्ट

हवाई यात्रा कर मुंबई आने वाले यात्रियों को ये ध्‍यान रखना होगा कि उनकी आरटी पीसीआर रिपोर्ट 72 घंटे से अधिक पुरानी न हो। अगर किसी यात्री के पास रिपोर्ट नही है तो एयरपोर्ट पर ही उनका सैंपल टेस्‍ट किया जाएगा। इस टेस्‍ट का खर्चा स्‍वयं यात्री को ही उठाना होगा। किसी व्‍यक्ति की रिपोर्ट अगर पॉजिटिव आती है तो महाराष्ट्र सरकार के प्रोटोकॉल  के अनुसार कार्रवाई करेगी। इसी प्रकार रेल से  महाराष्ट्र  पहुंचने वाले यात्रियों की आरटी पीसीआर रिपोर्ट 96 घंटे से अधिक पुरानी नही होनी चाहिये। जिनके पास कोरोना रिपोर्ट नहीं होगी उनकी रेलवे स्‍टेशन पर स्‍क्रीनिंग की जाएगी । लक्षण पाये जाने पर एंटीटेस्‍ट किया जाएगा नेगेटिव आने पर ही रेलवे स्‍टेशन से बाहर जाने की अनुमति मिलेगी।