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हटेगा दीनदयाल का फोटोयुक्त लोगो, सरकार बदलते ही सूबे में जारी होंगे नए नियम।

बीकानेर। जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का फोटोयुक्त लोगो भी अब सरकार बदलने के साथ ही सरकारी दस्तावेजों से गायब हो जाएगा। कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में अब लेटर पैड और सरकारी परिपत्रों पर केवल अशोक स्तंभ ही छापा जाएगा। इसको लेकर जल्द ही आदेश जारी हो सकते हैं।

बीजेपी के शासन में सरकार ने आदेश जारी कर सभी आदेशों पर पं. दीनदयाल उपाध्याय का लोगो लगाना अनिवार्य किया था। जिसके बाद कांग्रेस सरकार ने इसका विरोध भी किया था।

कांग्रेस नेताओं का कहना था कि बीजेपी की सरकार संघ के एजेंडें को लागू कर रही है। उनका कहना था कि यह अशोक स्तम्भ का अपमान है जो कि अलोकतांत्रिक है।

गौरतलब है कि वसुंधरा सरकार ने 11 दिसंबर, 2017 को एक आदेश जारी कर सभी सरकारी लेटर पैड और परिपत्रों पर दीनदयाल उपाध्याय का फोटोयुक्त लोगो छापना अनिवार्य किया था, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही यह आदेश अब निरस्त किया जा रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार सरकारी पुस्तकालयों में पं. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन पर लिखित पुस्तकें रखनें की बाध्यता भी हटाने जा रही है।

ज्ञात रहे कि बीजेपी की सरकार में दीनदयाल उपाध्याय संपूर्ण वांगमय की पुस्तकें सचिवालय सहित प्रदेशभर की लाइब्रेरी में रखवाई गईं थी। जिसके संपादक पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष महेश शर्मा थे।

डीआईपीआर के निर्देश पर सचिवालय लाइब्रेरी में भी 900 पुस्तकें मंगवाई गई थी। जिसको लेकर कांग्रेस की ओर से विरोध किया गया था।