जयपुर। 17वीं लोकसभा में 43 प्रतिशत यानि सबसे ज्यादा दागी निर्वाचित होकर जा रहे हैं. जो कि 2014 से 9 प्रतिशत और 2009 से 13 प्रतिशत ज्यादा है. अहम तथ्य यह भी है कि ऐसे नव सांसद जिनमें घोषित आपराधिक मामले हैं उनमें टॉप 10 में राजस्थान में बाड़मेर से नव निर्वाचित बीजेपी के कैलाश चौधरी भी शामिल हैं. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में विधायकों और सांसदों का ट्रेक रिकॉर्ड का विश्लेषण करने वाली एजेंसी एडीआर ने लोकसभा चुनाव की निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ताजातरीन आंकड़े जारी किए हैं.

539 में से 233 यानि 43 प्रतिशत सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले । वहीं 2014 में 542 में से 185 यानि 34 प्रतिशत के ही खिलाफ घोषित आपराधिक मामले थे.2009 में 543 में से 162 यानि 30 प्रतिशत के खिलाफ घोषित आपराधिक मामले थे. – इनमें से 159 यानि 29 प्रतिशत के खिलाफ दुष्कर्म, हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर किस्म के मामले दर्ज हैं. जबकि 2014 में 112 यानि 21 प्रतिशत के खिलाफ ही गंभीर प्रकृति के मामले दर्ज थे. उधर 2009 में 76 यानि 14 प्रतिशत के खिलाफ ही गंभीर प्रकृति के मामले दर्ज थे.

2009 से गंभीर आपराधिक मामलों के सांसदों में 109 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इडुक्की लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के डीन कुरियाकोस ऐसे निर्वाचित सांसद हैं जिनके खिलाफ 204 आपराधिक मामले दर्ज हैं. उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या, घर में जबरन घुसना, लूट, धमकी जैसे मामले दर्ज हैं. 2009 में से 543 में से 162 यानि 30 प्रतिशत के खिलाफ घोषित आपराधिक मामले दर्ज हैं. तब 76 यानि 14 प्रतिशत के खिलाफ गंभीर प्रकृति के आपराधिक मामले दर्ज थे. 2014 में 542 में से 185 यानि 34 प्रतिशत के खिलाफ घोषित आपराधिक मामले दर्ज हैं. तब 112 यानि 21 प्रतिशत के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे. 2019 में 539 में से 233 सांसदों यानि 43 प्रतिशत के खिलाफ घोषित आपराधिक मामले दर्ज हैं. तब 159 यानि 29 प्रतिशत के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. ऐसे विजेता या नव सांसद जिनके खिलाफ घोषित आपराधिक मामले दर्ज- टॉप 10 में पहले स्थान पर केरल में कांग्रेस के इडुक्की से निर्वाचित डीन कुरियाकोस के खिलाफ 2014 आपराधिक मामले हैं जिनमें पेंडिंग केस भी दर्ज हैं.

आईपीसी की गंभीर धाराओं में 37 और आईपीसी की अन्य धाराओं में 887 मामले दर्ज हैं. केरल के त्रिशूर से कांग्रेस प्रत्याशी टी एन प्रथपन के खिलाफ पेंडिंग केसेस सहित कुल 7 मामले दर्ज हैं. राजस्थान में बाड़मेर के कैलाश चौधरी भी टॉप 10 में शामिल हैं जिनके खिलाफ पेंडिंग केसेस सहित 2 मामले दर्ज हैं. उनके खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं वाले 2 और अन्य धाराओं वाले 6 मामले हैं. 11 सांसद ऐसे हैं जिनके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज है. जिनमें सबसे ज्यादा बीजेपी के 5 सांसद हैं. वहीं यूपी से सबसे ज्यादा ऐसे 3 सांसद जीतकर आए हैं. इनमें असम से बीजेपी के होरेन सिंग बे और निर्दलीय नाबा कुमार सरनिया,पश्चिम बंगाल से बीजेपी के श्री निशिथ पटनायक और निर्दलीय अधीर रंजन चौधरी,एमपी से बीजेपी के साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर,बीजेपी के छतर सिंह दरबार,यूपी से बसपा के अतुल कुमार सिंह व अफजल अंसारी,महाराष्ट्र से एनसीपी के उदयनराजे प्रतापसिंह और आध्रप्रदेश से ङ्घस्क्रष्टक्क के कुरुवा गोरंतिया माधव शामिल हैं. 30 सांसदों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है. वहीं 19 सांसदों के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें से तीन के खिलाफ दुष्कर्म के मामले दर्ज हैं.

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