बीकानेर। भाजपा टिकट वितरण के बाद शुरू हुए विरोध के सुरों के बीच कांग्रेस के टिकटों की माथापच्ची से मिल रहे संकेत जिले में नए राजनीतिक समीकरण खड़़े होते नजर आ रहे हैं।

सोमवार को दिल्ली में हुई बैठक में खुलकर सामने आईं गुटबन्दी ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा शुरू हो गई है। अब ऐसी सम्भावना जताई जा रही है कि पूर्व संसदीय सचिव कन्हैयालाल झंवर को किसी तरह मना कर बीकानेर पूर्व से प्रत्याशी बना दिया जाए। ताकि नोखा सीट को लेकर रामेश्वर डूडी के भय को दूर किया जा सके।

अगर ऐसा होता है तो पूर्व के दावेदार किसी एक को निर्दलीय उम्मीदवार बनाकर कांगेस के लिए समस्या पैदा कर सकता है। उधर डूडी अब भी लूणकरणसर को अपनी सुरक्षित सीट के रूप में तलाश रहे हैं।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगर झंवर मान जाते हैं तो नोखा में डूडी के सामने भाजपा अशोक लाहोटी का दांव खेलकर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकती है।

कुल मिलाकर कॉग्रेस के लिए जिले का टिकट वितरण गले की फांस बनता जा रहा है। जो इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि कांग्रेस की फूट भाजपा के लिए अच्छे दिन ला सकती है।