1996 का विश्वकप भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान में खेला गया था। ये पहली बार था जब श्रीलंका ने विश्वकप होस्ट किया था। लेकिन गृह युद्ध के चलते श्रीलंका में कई बड़े देश मैच नहीं खेलना चाहते थे। इन देशों में मुख्य नाम ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज का है। दोनों टीमों को एक-एक लीग मैच श्रीलंका में खेलना था। लेकिन दोनों ही देशों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए वहां खेलने से मना कर दिया। ऐसे में श्रीलंका को एक अच्छी टीम की जरुरत थी जो उनके देश आकर उनके खिलाफ मैच खेल सके और दुनिया को सन्देश दे सके कि श्रीलंका एक सुरक्षित देश है। ऐसे में भारत और पाकिस्तान से अच्छा विकल्प क्या हो सकता था।

लेकिन दिक्कत ये थी कि भारत और पाकिस्तान ने 1989 से 1996 तक कोई भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली थी। ऐसे में क्या पाकिस्तान और भारत श्रीलंका जाकर मैच खेलने के लिए राजी होते। जी हां! ऐसा हुआ ये दोनों देश न सिर्फ श्रीलंका खेलने गए बल्कि दोनों ने मिलकर एक टीम बनाई और श्रीलंका के खिलाफ मैच खेला। इस टीम को भारत पाकिस्तान विल्स 11 नाम दिया गया। इस टीम की कमान भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को सौंपी गई। मैच के दिन अज़हर ने मीडिया से कहा ” जहां तक ??खेल की बात है तो हम सभी साथ हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए श्रीलंका आए हैं कि आज का दिन सबसे सफल दिन माना जाएगा। मुझे उम्मीद है कि सभी को पता चल जाएगा कि जब खेल संबंधों की बात आती है तो कुछ भी गलत नहीं है।” वहीं पाकिस्तान ने कप्तान ने अज़हर का समर्थन करते हुए कहा ” हमें श्रीलंका में सुरक्षा का कोई डर नहीं है। हम यहां आम सीरीज की तरह आए हैं और एन्जॉय कर रहे हैं।”

श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने दोनों टीमों का शुक्रिया अदा किया और कहा ” भारत और पाकिस्तान ने दुनिया को दिखा दिया है कि श्रीलंका क्रिकेट खेलने के लिए सुरक्षित है।” इस मैच में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी की। असंका गुरुसिंह (34) और रणतुंगा (32) रन बनाकर जल्द आउट हो गए। इस मैच में अरविंदा डी सिल्वा न ही मारवान अटापट्टू और न ही हसन तिलकरत्ने कोई नहीं चला। आशीष कपूर और अनिल कुंबले ने मिलकर श्रीलंका की टीम को 168 पर रोक दिया। कुंबले ने इस मैच में 8 ओवर में 12 रन देकर चार विकेट झटके। इस मैच की सबसे अच्छी बात यह थी कि वसीम अकरम की गेंद पर सचिन ने कैच पकड़ा था।

जवाब में विल्स 11 ने दो विकेट जल्दी खो दिए। पाकिस्तानी सलामी बल्लेबाज अनवर और आमेर सोहेल सस्ते में आउट हो गए। इसके बाद सचिन तेंदुलकर (36) को भी मुथैया मुरलीधरन ने ज्यादा रन नहीं बनाए दिए। हालांकि आखिरी में अजय जडेजा, वक़ार यूनिस और राशिद लतीफ ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए विल्स 11 को जीत दिलाई। अनिल कुंबले को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ़ द मैच चुना गया।