प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का जवाब पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हम (केंद्र सरकार) आने वाली हर चुनौती के लिए तैयार है। पीएम ने इसके अलावा विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और 25 जून की तारीख याद दिलाते हुए कहा आपातकाल ने देश की आत्मा को कुचला था। लोकतंत्र पर यह दाग कभी नहीं मिट सकेगा।

भाषण की शुरुआत में उन्होंने कहा, “कई दशकों बाद देश ने शानदार जनादेश दिया है, जिससे सरकार सत्ता में वापस आई है। इस आम चुनाव ने बहुत कुछ दर्शाया है कि देश के लोग भारत की बेहतरी के लिए कितना कुछ चाहते हैं। यह भाव सराहनीय है।” बकौल पीएम, “मैं जीत और हार को लेकर चुनाव के बारे में कभी भी नहीं सोचता हूं। 130 करोड़ भारतीयों की सेवा करने का अवसर पाना और उनके जीवन में सकारात्मक अंतर लाना ही मेरे लिए खास बात है।” वह आगे बोले- मुझे मालूम है कि अब समय उन चीजों को बदलने का आ चुका है, जो कि करीब 70 सालों से इस देश में हैं। पर हम अपने मुख्य उद्देश्य से नहीं भटकेंगे। हमें आगे बढऩा होगाज्फिर चाहे वह आधारभूत ढांचे से जुड़ा मामला हो या फिर अंतरिक्ष क्षेत्र की बात हो। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हम किसी की लकीर छोटा करने में समय जाया नहीं करते। हम हमारी लकीर लंबी करने में जिंदगी खपा देंगे। आपकी ऊंचाई आपको ही मुबारक हो। मेरी कामना है कि आप और आगे और ऊंचाई की ओर बढ़ें। आप इतना ऊंचाई पर गए कि जड़ों से ही उखड़ गए।


दरअसल, सोमवार को सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी बोले थे कि आम चुनाव में कांग्रेस को भले ही 52 सीटें मिली हों, पर ”उसकी ऊंचाई कम नहीं हो सकती। जैसे कोई व्यक्ति अगर दुबला-पतला हो जाए तब भी उसका कद कम नहीं होता। पीएम ने इन आरोपों पर कहा कि उनकी चुनौती है कि कोई भी ऐसा साक्ष्य दिखा दें कि 2004 से 2014 तक शासन में बैठे हुए लोगों ने कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी या नरसिम्हा राव सरकार की तारीफ की हो। कांग्रेस का नाम लिये बिना कहा, ”इस सदन में बैठे हुए इन लोगों ने तो एक बार भी मनमोहन सिंह का जिक्र तक नहीं किया, अगर किया हो तो बताएं।

उन्होंने सदन में आगे 25 जून की तारीख भी याद दिलाई और कहा कि उस रात देश की आत्मा कुचली गई थी। यह दाग कभी नहीं मिटेगा। बहुतों को पता नहीं है कि उस दिन क्या हुआ था। बकौल पीएम, “किसने किया था? चर्चा के दौरान कुछ लोगों से इस बारे में पूछा गया। आज 25 जून है। आपात्काल किसने थोपा? हम उन काले दिनों को नहीं भुला सकते।” बता दें कि 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल लागू किया गया था।