देशभर में भीषण गर्मी ने लोगों की हालत पस्त कर दी है, लेकिन बिहार में हीट वेव का कहर इस क़दर बढ़ गया कि प्रशासन को इलाके में धारा 144 लगानी पड़ गई. ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी राज्य में गर्मी ने हालात इतने खराब कर दिए हों कि प्रशासन धारा 144 लगाने पर मजबूर हो जाए. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बिहार में अब तक 78 लोगों की मौत लू लगने से हो गई हैं. हालांकि गैर सरकारी आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है. गर्मी से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में गया, नवादा और औरंगाबाद हैं.

हालांकि लू की वजह से मौत की खबरें पटना के ग्रामीण इलाकों के अलावा शेखपुरा और मुंगेर से भी मिल रही हैं. सरकार ने लू से बचने के लिए एडवाजरी जारी करते हुए लोगों से कहा है कि जब बहुत जरूरी हो तभी वो घर से निकले. लू से सबसे ज्यादा मौतें 50 से ज्यादा उम्र के लोगों की हुई हैं. इसके लिए गया प्रशासन ने मौसम सामान्य होने तक जिले में धारा 144 लागू कर दी हैं. गया के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने भीषण गर्मी और लू को देखते हुए निर्देश जारी करते हुए कहा है कि मौसम सामान्य होने तक धारा 144 लागू कर दी गई हैं. यानि इस दौरान कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम, राजनैतिक कार्यक्रम, धरना प्रदर्शन और लोगों के एक जगह जमा रहने पर रोक रहेगी. यानि खुले स्थानों पर कार्यक्रम के लिए ये निषेधाज्ञा लागू रहेगी. यह पहला मौका है कि जब मौसम को लेकर धारा 144 लागू कर दी गई हैं.


सुबह 11 बजे के बाद नहीं होगा निर्माण कार्य
डीएम ने अपने निर्देश में यह भी कहा कि मनरेगा की कोई योजना सुबह 10.30 बजे के बाद से नहीं चलेगी. कोई भी निर्माण कार्य 11 बजे सुबह से शाम 4 बजे तक नहीं किया जाएगा. प्रशासन का मानना है कि निर्माण कार्यों में लगे मजदूर इसके शिकार हो रहें हैं. इस दौरान बाजार बंद रखने का निर्दश जारी किया गया हैं. यानी 11 बजे से शाम 4 बजे तक सभी दुकानें बंद रखने का निर्देश हैं. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि इस दौरान वो घर में ही रहें और बहुत जरूरी काम पर ही निकले.

दोपहर में घर से ना निकले और अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें. मगध प्रमंडल के आयुक्त पंकज पाल लू के चपेट आए मरीजों की हालत देखने एनएमसीएच गए और हालात का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों से हाल चाल जाना और व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी अस्पताल प्रशासक के अधिकारियों से ली. उन्होंने अस्पताल प्रशासक को कई अतिआवश्यक निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि इस भीषण गर्मी में काफी संख्या में लू के चपेट में आने से मौत हुई है. जो बिहार के लिए शॉक है.

उन्होंने कहा कि जो आंकड़े मगध के मिल रहे है, वो लगभग 106 मरीज हमारे पास आए है. सभी अभी खतरे से बाहर बताए जा रहे है. इस दु:ख की घड़ी में सरकार पूरी तरह उन परिजनों के साथ खड़ी है जिनकी मृत्यु हुई. उन्होंने आगे कहा कि हमने जो अस्पताल की व्यवस्था देखी है, यहां प्राप्त मात्रा में दवा, बेड और स्पेशल चिकित्सक तैनात हैं. किसी प्रकार की कमी नहीं है. उन्होंने इस प्राकृतिक आपदा में लोगों से अपील की है कि लू से बचाव पूरी तरह करें.