गोयल की टिकट कटने से कुम्हार समाज खफा, भाजपा का करेंगे विरोध

बीकानेर। पीएचडी मंत्री सुरेन्द्र गोयल के टिकट कटने से राजस्थान के कुम्हार समाज में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। श्री कुम्हार महासभा बीकानेर के जिलाध्यक्ष पप्पू लखेसर ने बताया कि भाजपा के कद्दावर नेता सुरेन्द्र गोयल जमीन से जुड़े हुए आधार स्तम्भ नेता हैं तथा पार्टी की जड़ों इन्होंने खून-पसीने से सींचा है।

भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश संयोजक किशन प्रजापत ने कहा कि भाजपा गोयल की टिकट काट कर बहुत बड़ी भूल की है, जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा।

राष्ट्रीय कुम्हार महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल प्रजापत ने कहा कि गोयल जैसे कद्दावर नेता का टिकट काटकर भारतीय जनता पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि कुम्हार समाज चाहे जितना इस पार्टी का साथ दे परंतु यह पार्टी कभी कुम्हार समाज की हितेषी नहीं हो सकती। आज से पहले भी जब जब कुम्हार समाज को राजनीतिक संरक्षण की आवश्यकता पड़ी भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा ठेंगा दिखाया। आजादी के बाद से 1980 तक लगातार कांग्रेस पार्टी ने कुम्हार समाज के हितों की उपेक्षा की तो कुम्हार समाज ने बहुत बड़े पैमाने पर भारतीय जनता पार्टी का साथ देना शुरू किया। किंतु चाहे 1994 हो 1999 हो या अन्य कोई अवसर भारतीय जनता पार्टी ने भी कांग्रेस के पदचिन्हों पर चलते हुए कुम्हार समाज के हक और अधिकारों का हनन करने में कतई पीछे नहीं रही। और इस बार भी प्रदेशभर के कुम्हार समाज के विभिन्न संगठनों ने भाजपा से कुम्हार समाज के लिए दस विधानसभा टिकट की मांग की थी किन्तु भाजपा ने टिकट देने की बजाय स्थापित नेता का ही टिकट काट दिया इससे कुम्हार समाज दोनों ही मुख्य राजनीतिक दलों से अपने आप को शोषित और पीडि़त महसूस कर रहा है। समाज का यह आक्रोश आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों ही मुख्य राजनीतिक दलों को बहुत भारी पडऩे वाला है। भारतीय जनता पार्टी को यह भली-भांति समझ लेना चाहिए कि जो कुम्हार समाज भारतीय जनता पार्टी को इतनी बड़ी ऊंचाई पर पहुंचा सकता है वह समाज भारतीय जनता पार्टी को पुन: धरातल पर लाकर उसकी औकात दिखाने की क्षमता भी रखता है।
भाजपा के इस समाज विरोधी रवैये के विरोध में आदरणीय सुरेंद्र गोयल जी ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। श्री कुम्हार महासभा एवं समाज के अन्य सभी संगठन पूरे राजस्थान के कुम्हार समाज के भाजपा में बैठे लोगों से आह्वान करते है कि जब सुरेंद्र जी जैसे दिग्गज नेता के साथ यह बर्ताव हो सकता है तो फिर अन्य लोगों की भाजपा में क्या बिसात है। अब वक्त आ गया है आप लोगों को भी इस मसले पर गंभीरता से चिंतन करना चाहिए और हमारे समाज का अहित करने वाली इस भाजपा को ठोकर मार देनी चाहिए।